धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-२७ March 20, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण-वध के लिए दृढ़ संकल्प अघासुर शीघ्र ही वृन्दावन के उस स्थान पर पहुंच गया जहां श्रीकृष्ण अपने ग्वाल-बालों के साथ नित्य गोधन लेकर आते थे। उसने ‘महिमा’ नामक योगसिद्धि के द्वारा अपने शरीर का अद्भुत विस्तार किया और श्रीकृष्ण तथा उनके मित्रों को रोक अचानक प्रकट हुआ। अघासुर ने स्वयं को आठ योजन […] Read more » यशोदानंदन-२७