धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५१ April 23, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- “हे नन्दलाल! हे श्रीकृष्ण-बलराम! तुम दोनों आदरणीय वीर हो। हमें महाराज द्वारा ज्ञात हुआ है कि तुम दोनों मल्ल-उद्ध में निपुण हो। तुम्हारा कौशल देखने के लिए ही तुम्हें यहां आमंत्रित किया गया है। नीति वचन है कि जो प्रजा मन, वचन और कर्म से राजा का प्रिय कार्य करती है, उसका […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५१ श्रीकृष्ण