दोहे रच कौन क्या गया है सृष्टि ! February 3, 2020 / February 4, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment रच कौन क्या गया है सृष्टि, कौन देखता; कितना अनन्त उसके शून्य, वही झाँकता; गुणवत्ता आँकता है वही, सत्ता परखता; अलवत्ता उसे कोई कभी, ही है समझता ! संज्ञान उसका लेता जो भी, वो है थिरकता; अणु अपना अहं करके वही, उसमें सिमटता ! अपना विराट रूप वही, जगती में पाता; हर प्राण परश उर […] Read more » रच कौन क्या गया है सृष्टि !