समाज राष्ट्र की अवचेतना का संरक्षक कौन ? November 30, 2018 / November 30, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य एक लोकतांत्रिक देश में न्यायपालिका , कार्यपालिका और विधायिका इन तीनों को राष्ट्र की अवचेतना का संरक्षक माना जाता है। इसके साथ – साथ जब इनमें से कोई भी अपने दायित्व और कर्तव्य के निर्वहन में कहीं चूक करता है तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका भी सामने आती […] Read more » अतार्किक अवैज्ञानिक कार्यपालिका जाति धर्म न्यायपालिका राष्ट्र की अवचेतना का संरक्षक कौन ? लिंग विधायिका
राजनीति चुनाव एक संवैधानिक अथवा धार्मिक प्रक्रिया? November 23, 2018 / November 23, 2018 by अनिता महेचा | 1 Comment on चुनाव एक संवैधानिक अथवा धार्मिक प्रक्रिया? अनिल अनूप मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का जो वीडियो बेनकाब हुआ है, उसके मद्देनजर यह सवाल स्वाभाविक है कि चुनाव एक संवैधानिक या मजहबी प्रक्रिया है? क्या सार्वजनिक तौर पर हिंदू-मुसलमान समुदायों के नाम पर वोट मांगे जा सकते हैं और यह संवैधानिक भी होगा? एक ओर कमलनाथ का दावा है कि हिंदुओं के […] Read more » गाय चुनाव एक संवैधानिक अथवा धार्मिक प्रक्रिया? जाति नर्मदा नस्ल बलात्कार बेरोजगारी भाषा राम वन गमन लिंग व्यापम समुदाय हिंदू-मुसलमान
राजनीति राजनीतिक दलों की मतभिन्नता देश के लिए एक अभिशाप June 15, 2018 / June 15, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य लोकतंत्र मतभिन्नता की अनुमति इसलिए देता है कि अंत में सब पक्षों में मतैक्यता हो जाये। किसी भी विषय में गुणावगुण पर सब पक्ष खुलकर बहस करें और फिर किसी एक सर्वमान्य निष्कर्ष पर पहुंच कर एक मत हो जाएं। भारतवर्ष के संविधान ने लोगों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इसलिए […] Read more » Featured कांग्रेस क्षेत्र जाति देश के लिए एक अभिशाप भाजपा भाषा राजनीतिक दलों की मतभिन्नता लिंग संप्रदाय