कविता वक्त के खिलाफ मुहिम March 14, 2021 / March 14, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजबतक दिकभ्रमित होकर,हम काटते रहेंगे अपने हाथ-पांवतबतक कमजोर प्रतिद्वंदी भीबांटता रहेगा देश, नगर और गांव! आज हम फिर से पंगु हैंएक राजा भोज तो अनेक गंगू हैंऐसे में कोई कैसे समझेकि कभी हम थे जगतगुरु के दावेदारवोल्गा से गंगा तक सारे थे रिश्तेदार! आज हम देख रहे एक पिता के पुत्र चारपहला कुलीन […] Read more » Campaign against time वक्त के खिलाफ मुहिम