व्यंग्य व्यंग्य/शपथ खा, मौज़ मना May 8, 2009 / December 27, 2011 by अशोक गौतम | Leave a Comment उसके बीसियों बार अपने बेटे के माध्यम से बुलाने पर मैं कुढ़ा, जला भुना उसके घर पहुंचा। हालांकि वह मेरा इमीजिएट पड़ोसी है। कहते हैं कि पेट और पड़ोस कभी खराब नहीं होने चाहिए। पर कहीं भी देख लो, आजकल और तो सब जगह सब ठीक है पर ये दो ही चीजें ठीक नहीं। Read more » vyangya व्यंग्य शपथ