महत्वपूर्ण लेख संविधान में अपरिभाषित है, धर्मनिरपेक्षता August 13, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- गीता या रामायण के नैतिक मूल्यों और चारित्रिक शुचिता से जुड़े अंशों को जब भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात आती है तो वामपंथी दल व बुद्धिजीवी इन पहलों को लोकतंत्र के मूलभूत संवैधानिक धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के विरूद्ध बताने लगते हैं। यह सही है कि भारत का धर्मरिपेक्षस्वरूप भारतीय संविधान का बुनियादी […] Read more » धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान संविधान संविधान में अपरिभाषित है धर्मनिरपेक्षता