कविता वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण ताजमहल July 25, 2014 by बीनू भटनागर | 1 Comment on वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण ताजमहल -बीनू भटनागर- 1. वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण ताजमहल। 2 ओस के कण पल्लव से बिखरे है भूमि नम। 3. समय बहे अविरल प्रवाह एक रफ़्तार। 4. ये कर्णप्रिय संगीत समारोह अभिनंदन। 5. गीत संगीत सुर ताल संगम नाद सुरीला। 6. लाख की चूड़ी बंधिनी लहरिया लावेंगे पिया। 7. नीला आकाश चमकीली दोपहर भीषण गर्मी। 8. […] Read more » ताजमहल दस हाइकु समय
कविता विजय निकोर की कविता : समय September 26, 2012 / September 26, 2012 by विजय निकोर | 2 Comments on विजय निकोर की कविता : समय समय आजकल बिजली की कौंधती चमक-सा झट पास से सरक जाता है – मेरी ज़िन्दगी को छूए बिना, और कभी-कभी, उदास गई बारिश के पानी-सा बूंद-बूंद टपकता है सारी रात, और मैं निस्तब्ध असहाय मूक साक्षी हूँ मानो तुम्हारे ख़्यालों के शिकन्जे में छटपटाते समय की धड़कन का। कम हो रहा है क्षण-अनुक्षण आयु की […] Read more » समय