राजनीति समाजिक समरसता और हमारा अनुसूचितजाति समाज October 27, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment '' अनुसूचित जाति उन्हीं बहादुर ब्राह्मण व क्षत्रियों के वंशज हैं, जिन्होंने जाति से बाहर होना स्वीकार किया, लेकिन मुगलों के जबरन धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया। आज के हिंदू समाज को उनका शुक्रगुजार होना चाहिए, उन्हें कोटिश: प्रणाम करना चाहिए, क्योंकि उन लोगों ने हिंदू के भगवा ध्वज को कभी झुकने नहीं दिया, भले ही स्वयं अपमान व दमन झेला।'' Read more » Featured अनुसूचितजाति समाज समरसता समाजिक समरसता