राजनीति सुशासन के कीर्तिमान गढ़ने का समय March 14, 2017 / March 14, 2017 by डा रवि प्रभात | 1 Comment on सुशासन के कीर्तिमान गढ़ने का समय अब समय आ गया है जब भाजपा को प्रत्येक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लिए विशिष्ट आचार संहिता का प्रावधान करना चाहिए , जिसमें नैतिकता , सदाचार , इमानदारी, संवेदनशीलता और सहृदयता जैसे उच्च मानक हो जिनके पालन को सुनिश्चित कराया जाए । क्योंकि भले ही जनता ने मोदी जी और पार्टी की विचारधारा पर विश्वास करके भाजपा को वोट दिया हो परंतु रोजमर्रा की समस्याओं के लिए कार्यकर्ताओं जनता का साबका पार्षद , विधायको और सांसदों से ही पड़ता है ।अगर इन लोगों का आचरण विपरीत किस्म का होगा तो जनता का विश्वास टूटेगा और उसे दूसरे विकल्प की तरफ देखना पड़ेगा । Read more » bjp bjp major party Featured अंत्योदय राष्ट्रवाद विकास सर्वधर्म समभाव सुशासन सुशासन के कीर्तिमान गढ़ने का समय हिंदुत्व
हिंद स्वराज सर्वधर्म-समभाव का भ्रम June 20, 2012 / June 20, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 8 Comments on सर्वधर्म-समभाव का भ्रम मजहबों को धर्म मानने वाले भारत पर्याप्त में हैं। उनमें इतना साहस नहीं है कि वे मजहब को सम्प्रदाय मान सके। इसलिए (सर्वधर्म-समभाव) की एक बे सिर पैर की परिकल्पना, भारत में आविष्कृत कर ली गयी है। इस अवधारणा के पीछे बड़ा गम्भीर षडय़न्त्र कार्य कर रहा है। अत: साम्प्रदायिकता की जिस विषबेल को समाप्त […] Read more » सर्वधर्म समभाव
समाज हमारी परंपरा- सहिष्णुता एवं सर्वधर्म समभाव June 14, 2010 / December 23, 2011 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment -तनवीर जाफरी हालांकि 16वीं शताब्दी के भारतवर्ष में ही सम्राट अकबर ने अपने सेनापति मानसिंह की बहन जोधाबाई से विवाह कर तथा एक इससे पूर्व अकबर के पिता मुंगल शासक हुमायुं ने कर्मवती से अपने हाथों में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षा बंधन बंधवाकर भारतवासियों के साथ-साथ शेष दुनिया को भी यह संदेश […] Read more » all religion सर्वधर्म समभाव सहिष्णुता