कविता
हे ईश्वर ऐसी ज्यादती मत करो
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकहे ईश्वर! ऐसी ज्यादती मत करो,अगर हमें मनुष्य में जन्म दिए हो,तो समूची जिंदगीभर जी लेने दो! अगर हमें मनुज का जीवन दिए हो,किस्त-किस्तदर में जिंदगी जीने को,पच्चीस वर्ष ब्रह्मचर्याश्रम पढ़ने दो! पचास वर्ष तक गृहस्थाश्रम जीने को,पचहत्तर वर्ष तक वानप्रस्थ आश्रम है,हमें मनुर्भव:बनने दो, शेष है संन्यास! वर्ष पचहत्तर के पूर्व,हमें नही […]
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