कविता अर्जुन जैसे अब नहीं होते अपनों के प्रति अपनापन दिखानेवाले November 5, 2022 / November 5, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकअर्जुन जैसे अब नहीं होतेअपनों के प्रति अपनापन दिखानेवालेअब तो तनिक सी बात से शत्रुता हो जातीमरने मारने पर उतारू हो जाते अपनेतुरंत ही दुर्योधन दुशासन सरीखे बन जाते बिना किसी गीता को सुने हमेशा तैयार रहतेमारने पीटने कूटने काटने अपनों को अपने हीजबकि अपनों से छले गए उन छली अपनों के प्रतिअर्जुन […] Read more » Arjun is no more like those who show their affinity towards their loved ones