व्यंग्य अब आगे देखेंगे हम लोग : व्यंग्य – अशोक गौतम November 9, 2009 / December 25, 2011 by अशोक गौतम | Leave a Comment धुन के पक्के विक्रमार्क से जब रामदीन की पत्नी की दशा न देखी गई तो उसने महीना पहले घर से बाजार आटा दाल लेने गए रामदीन को ढूंढ घर वापस लाने की ठानी। रामदीन की पत्नी का विक्रमार्क से रोना नहीं देखा गया तो नहीं देखा गया। ये कैसी व्यवस्था है भाई साहब कि जो […] Read more » Ashok Gautam Satire अशोक गौतम व्यंग्य
व्यंग्य नानक दुखिया सब करोबार : व्यंग्य – अशोक गौतम October 26, 2009 / December 26, 2011 by अशोक गौतम | 2 Comments on नानक दुखिया सब करोबार : व्यंग्य – अशोक गौतम धुन के पक्के विक्रमार्क ने जन सभा में वर्करों द्वारा भेंट की तलवार कमर में लपेटी चुनरी में खोंस बेताल को ढूंढने महीनों से खराब स्ट्रीट लाइटों के साए में निकला ही था कि एक पेड़ की ओट से उसे किसीके सिसकने की मर्दाना आवाज सुनाई दी। विक्रमार्क ने कमर में ठूंसी तलवार निकाल हवा […] Read more » Ashok Gautam Nanak Dukhiya Karobar अशोक गौतम करोबार नानक नानक दुखिया सब करोबार व्यंग्य
व्यंग्य इक्कीसवीं सदी के लेटेस्ट प्रेम : व्यंग्य – अशोक गौतम October 22, 2009 / December 26, 2011 by अशोक गौतम | 1 Comment on इक्कीसवीं सदी के लेटेस्ट प्रेम : व्यंग्य – अशोक गौतम वे सज धज कर यों निकले थे कि मानो किसी फैशन शो में भाग लेने जा रहे हों या फिर ससुराल। बूढ़े घोड़े को यों सजे धजे देखा तो कलेजा मुंह को आ गया। बेचारों के कंधे कोट का भार उठाने में पूरी तरह असफल थे इसीलिए वे खुद को ही कोट पर लटकाए चले […] Read more » 21st Century Ashok Gautam Latest Love अशोक गौतम इक्कीसवीं सदी लेटेस्ट प्रेम व्यंग्य