कविता मंदिर बनाने के पहले दिल से राम बन जाना January 13, 2021 / January 13, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकलाशों की ढेर परमंदिर बनाने के पहले अच्छा है हमेंदिल-दिमाग से राम बन जानाबन जाओ आज्ञाकारी पुत्रराम सा कि माता का आदेश है! बन जाओ निस्पृह-त्यागीराम सा कि पिता की इच्छा है! छोड़ दो सिंहासन सुखकि लघु जनों को मिले अवसर!बनो ऐसा मर्यादावादी राम साकि बची रहे सबकी मर्यादा! कि तुम्हारी ब्याहतातुम्हारे विश्वास […] Read more » Become a Ram by heart before building a temple