मीडिया कोर्ट-मीडिया न हों तो पुलिस जीना मुश्किल कर देगी ! February 28, 2012 / February 28, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on कोर्ट-मीडिया न हों तो पुलिस जीना मुश्किल कर देगी ! इक़बाल हिंदुस्तानी पुलिस दमन पर सभी दलों की सरकारें एक सी क्यों हो जाती हैं ? 4 जून 2011 को रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे योगगुरू बाबा रामदेव के समर्थकों के खिलाफ आधी रात को हुई पुलिस कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनतंत्र विरोधी करार दिया जाना एक सुखद पहल माना […] Read more » Court Police कोर्ट-मीडिया
विधि-कानून परीक्षण के दौर से गुजरती न्यायपालिका December 16, 2010 / December 18, 2011 by अनिल त्यागी | 6 Comments on परीक्षण के दौर से गुजरती न्यायपालिका अनिल त्यागी देश की अदालतें जो अभी तक अखबारी खबरों से दूर रहती थी आज कल मीडिया की सुर्खियों में है। माननीय न्यायधीश एक दूसरे पर लगभग आरोप लगाने के करीब है। मद्रास उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के एक पत्र को लेकर सवाल उछाले जा रहे हैं। जस्टिस एच.एम. गोखले ने खुल कर […] Read more » Court न्यायाधीश न्यायालय
विधि-कानून भारत में न्याय पाने का सफर आसान नहीं March 22, 2010 / December 24, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment ठीक ही कहा गया कि न्याय मिलने में अगर देरी होती है तो वह न्याय नहीं मिलने के समान है। स्वस्थलोकतंत्र की पहचान स्वस्थ न्यायपालिका को माना जाता है, लेकिन हमारे देश की न्याय व्यवस्था इतनी लचर है कि दो-तीन पीढ़ियाँ गुजर जाती हैं, फिर भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। कायदे से बदतर […] Read more » Court न्याय न्यायपालिका न्यायालय