कविता डॉ. अरुण दवे की कविताएं January 28, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on डॉ. अरुण दवे की कविताएं फक्कड़वाणी (1) आजादी के बाद भी, हुए न हम आबाद काग गिद्ध बक कर रहे, भारत को बर्बाद भारत को बर्बाद, पनपते पापी जावे तस्कर चोर दलाल, देश का माल उड़ावे कहे फक्कड़ानन्द, दांत दुष्टों के तोड़ो गद्दारों से कहे, हमारा भारत छोडो (2) कहता है इक साल में, लाल किला दो बार झोपड़ियाँ चिन्ता […] Read more » Dr.Arun Dave Poems कविताएं डॉ. अरुण दवे