कविता ज्येष्ठ पुत्र October 10, 2020 / October 10, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment पुत्र ज्येष्ठ है यदि तू अपने कुल कातो संघर्षों और विपत्तियों से मत डरचाहता है अनुज हो तेरा लक्ष्मण जैसापहले तू स्वयं राम-सा कर्म तो कर अपने पिता के वचन की लाज निभानेज्येष्ठ जटिल जीवन पथ अपनाते हैंहो प्राप्त विजय अनुजों को इसलिएसहर्ष वो स्वयं पराजित हो जाते हैं लाँघते नहीं मर्यादा कभी अपने कर्मों […] Read more » elder brother