दोहे हर जीव है उल्लास में! March 13, 2023 / March 14, 2023 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment हर जीव है उल्लास में, प्रभु उर रहे सहवास में; किंचित् कभी रह त्रास में, रहता रमे रस रास में! जग ज्वार के मँझधार में, सोहं सुधा पतवार में; आनन्द लखता अधर में, पृथ्वी परश प्रणिपात में! हर देह के विन्यास में, हर देश देख प्रवास में; हर काल की करुणा लखे, कृति हर किसी […] Read more » Every living being is in ecstasy!