गजल एक गजल -वादा करके भी तुम मुकर जाते हो July 12, 2019 / July 12, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment वादा करके भी तुम मुकर जाते हो |सच सच बताओ,तुम किधर जाते हो || करती हूँ तुम्हारा इन्तजार,बैचेन रहती हूँ |साथ मुझको भी ले जाओ,जिधर जाते हो || उमर नहीं है तुम्हारी,इधर उधर घूमने की |मेरा भी ख्याल रखो,क्यों नहीं सुधर जाते हो || बदनामी हो रही,लोगो की उँगलियाँ उठ रही |जहाँ जाना नहीं चाहिए […] Read more » form of hindi literature gazal hindi gazal
साहित्य मुक्तक का जबाब मुक्तक में July 12, 2019 / July 12, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी शौक बड़े ही शौक से निभाया था जिन्दगी को |दिल के अरमान से सजाया था जिन्दगी को ||जाने क्या खता हुई मुझसे ये मालूम नहीं |ख़्वाब में भी हमने न सताया था जिन्दगी को || जबाब काश ! तुमने शौक से निभायी होती जिन्दगी को |आज ये दिन देखना ना पड़ता तुम्हारी […] Read more » form of hindi literature hindi literature muktak poem poetry