कविता सृष्टि के आरंभ से हम कहांतक गुजरे September 26, 2020 / September 26, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसृष्टि के आरम्भ से!वैदिक कर्मकाण्डी ब्राह्मणयोग ज्ञानी क्षत्रिय बनेऋग्वेद पुरुषसुक्त कहताब्रह्मा के मुख ब्राह्मण होते,क्षत्रिय ब्रह्मा के बाहु!मुख ने श्राप दिया बाहु को,बाहु ने मुख को दंड!मुख में राम बगल में परशु,बाहु बना सहस्त्रबाहु!परशुराम और सहस्त्रार्जुन मेंयुद्ध चला कई पुश्त!मुख ने तोड़ दिया भुज दंड!ब्राह्मण ब्राह्मण ही रहा,क्षत्रिय होने लगा श्रमण!श्रषभ देव से […] Read more » From the beginning of the world we passed सृष्टि के आरंभ से हम कहांतक गुजरे