विविधा गांधीवाद की परिकल्पना-7 April 21, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment नैतिक मूल्यों के आधार बनाकर भी गांधीवाद का एक धूमिल चित्र भारत में गांधीवादियों ने खींचने का प्रयास किया है। गांधीजी भारतीय राजनीति को धर्महीन बना गये। वह उसे संप्रदाय निरपेक्ष नहीं बना सके, अपितु उसे इतना अपवित्र करन् दिया है कि वह सम्प्रदायों के हितों की संरक्षिका सी बन गयी जान पड़ती है। इससे भारतीय राजनीति पक्षपाती बन गयी। जहां पक्षपात हो वहां नैतिक मूल्य ढूंढऩा 'चील के घोंसले में मांस ढूढऩे के बराबर' होता है। नैतिक मूल्य, नीति पर आधारित होते हैं नीति दो अक्षरों से बनी है-नी+ति। जिसका अर्थ है एक निश्चित व्यवस्था। नीति निश्चित व्यवस्था की संवाहिका है, ध्वजवाहिका है और प्रचारिका है। Read more » Featured Gandhiwad gandhiwad ki parikalpana गाँधीजी गाँधीवाद गांधीवाद की परिकल्पना धर्मनिरपेक्षता