गजल गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती…..इक़बाल हिंदुस्तानी May 20, 2012 / May 20, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 6 Comments on गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती…..इक़बाल हिंदुस्तानी महनती ग़रीबों को देवता बना देना, कुदरती वसाइल पर सबका हक़ लिखा देना। लोग जिनके ज़हनों को रहनुमा चलाते हैं, अब भी वो गुलामी में जी रहे बता देना। सच को सच बताने की क़ीमतें जो चाहते हैं, उनकी खुद की क़ीमत भी माथे पर लिखा देना। जुल्म और हक़तल्फ़ी ख़ामोशी से […] Read more » .इक़बाल हिंदुस्तानी gazal by iqbal hindustani गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती.....इक़बाल हिंदुस्तानी
गजल गजल-भेंट मज़दूरों की क्यों लेती बताओ चिमनियां-इकबाल हिंदुस्तानी May 16, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment आये दिन गिरने लगीं जब गुलशनों में बिजलियां, अब संभलकर उड़ रही हैं गुलशनों में तितलियां। उनके कपड़ों की नुमाइश का सबब बनती हैं जो, मुफलिसों की जान ले लेती हैं वो ही सर्दियां। रहबरी जज़्बात की काबू रखो ये जुर्म है, राख़ में तब्दील हो जाती हैं पल में बसितयां। इस […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल-इकबाल हिंदुस्तानी गजल-भेंट मज़दूरों की क्यों लेती बताओ चिमनियां-इकबाल हिंदुस्तानी
गजल गजल-दुश्मनों के दुश्मनों का दोस्त बन-इकबाल हिंदुस्तानी May 16, 2012 / May 16, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment शुक्र है मौसम सुहाना हो गया, उनके आने का बहाना हो गया। तुम इसे चाहे कोर्इ भी नाम दो, मुल्क गै़रों का निशाना हो गया। हो हुकूमत पांच दिन तो ठीक है, राज बरसों का पुराना हो गया। बात कुछ भी हो विदेशी हाथ है, यह तो नाकामी छिपाना हो गया। […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल-दुश्मनों के दुश्मनों का दोस्त बन-इकबाल हिंदुस्तानी
गजल गजल-वतन महफ़ूज़ रखना है हमें खुद भी फ़ना होकर…..इकबाल हिंदुस्तानी May 12, 2012 / May 12, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इसी मिटटी में रहना है खुशी से या ख़फ़ा होकर, कहां हम जायेंगे बतलाइये तुमसे जुदा होकर। ये है वक़्ती सभी नज़दीकियां धोखा ना खा जाना, हमारे वोट मांगेंगे ये सब हम पर फि़दा होकर। तुम्हारी भूल को हम 6 दिसंबर याद रक्खेंगे, हज़ारों साल लिपटेंगी तुम्हें अब ये बला होकर। विरासत […] Read more » gazal by iqbal hindustani