गजल मुखलिसी– निस्वार्थता September 26, 2012 / September 25, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment तीर ने ना तलवार ने मारा – हमको तो ऐतबार ने मारा ! जिसको निशाने पर रखा था – उसके ही पलटवार ने मारा ! दुश्मन के जब गले लगे हम – फिर तो हमको प्यार ने मारा ! पहले दिल था मान जाता था – अब उसकी ही पुकार ने मारा ! कांच से […] Read more » gazal Satyendra Gupta
गजल गजल:रात भर तेरी याद आती रही August 9, 2012 / August 8, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment रात भर तेरी याद आती रही बेवज़ह क़रार दिलाती रही। जैसे सहरा में चले बादे सबा सफ़र में धूप काम आती रही। दमकता रहा चाँद आसमां पे चांदनी दर खटखटाती रही। ऊंघता बिस्तर कुनमुनाता रहा तेरी ख़ुश्बू नखरे दिखाती रही। कितना मैं अधूरा रह गया था इसकी भी याद दिलाती रही। Read more » gazal Satyendra Gupta गजल:रात भर तेरी याद आती रही
गजल गजल:उबाल ने कुछ बवाल ने तोड़ दिया August 8, 2012 / August 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment उबाल ने कुछ बवाल ने तोड़ दिया कुछ दिल के मलाल ने तोड़ दिया। जो कमाता था वो ही खाता था वो । एक दिन की हड़ताल ने तोड़ दिया। उमीदों ने पंख नए खरीद लिए थे पर बेतरतीब उछाल ने तोड़ दिया। सिखाई थी अदाकारीहालात ने तो क्या करें उसी कमाल […] Read more » gazal Satyendra Gupta गजल:उबाल ने कुछ बवाल ने तोड़ दिया
गजल गजल:मेरे बाद मुझको ये ज़माना ढूंढेगा August 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment मेरे बाद मुझको ये ज़माना ढूंढेगा हकीकत को एक अफ़साना ढूंढेगा। सिर्फ यादों में सिमट जायेगा सफ़र अश्क भी बहने का बहाना ढूंढेगा। खत्म हो जायेगी कहानी जब मेरी मेरा ही दर्द अपना ठिकाना ढूंढेगा। सुबहें, शामें, रातें कितनी हसीं थी सूनापन वो खिलखिलाना ढूंढेगा। मुहब्बत करने वाले तन्हा नहीं रहते […] Read more » gazal Satyendra Gupta
गजल गजल-सत्येन्द्र गुप्ता December 28, 2011 / December 28, 2011 by सत्येन्द्र गुप्ता | 2 Comments on गजल-सत्येन्द्र गुप्ता मेले कीमुलाक़ात नहीं होती जल्दी में कभी दिल से कोई बात नहीं होती। वो जो हो जाती है जेठ के महीने में बरसात वो मौसमे -बरसात नहीं होती। चुराते दिल को तो होती बात कुछ और नज़रें चुराना यार कोई बात नहीं होती। डर लगने लगता है मुझे खुद से उस घडी पहरों जब उन […] Read more » gazal Satyendra Gupta गजल-सत्येन्द्र गुप्ता