विश्ववार्ता ग्लोबलाइजेशन का शोक गीत July 27, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on ग्लोबलाइजेशन का शोक गीत -जगदीश्वर चतुर्वेदी नव्य-उदारतावाद का मूल लक्ष्य है सामुदायिक संरचनाओं का क्षय और बाजार के तर्क की प्रतिष्ठा। इस तरह के आधार पर जो विमर्श तैयार किया जा रहा है वह वर्चस्ववादी है। विश्वबैंक, इकोनामिक कारपोरेशन एंड डवलपमेंट और आईएमएफ जैसी संस्थाओं के द्वारा जो नीतियां थोपी जा रही हैं उनका लक्ष्य है श्रम मूल्य घटाना, […] Read more » Globalization ग्लोबलाइजेशन
विश्ववार्ता साम्राज्यवाद और भूमंडलीकरण February 19, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment भूमंडलीकरण एक विश्वव्यापी संवृत्ति है। इसका साम्राज्यवाद से गहरा सम्बन्ध है। यह नव- औपनिवेशिक शोषण और प्रभुत्व का प्रभावी अस्त्र है। इसके प्रचारक-प्रसारक हैं भूमंडलीय जनमाध्यम और बहुराष्ट्रीय शस्त्र निर्माता कम्पनियां एवं बहुराष्ट्रीय वित्तीय कम्पनियां। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद समूची दुनिया पर साम्राज्यवाद की पकड ढ़ीली पड़ी थी। अधिकांश गुलाम देश आजाद हुए। साम्राज्यवाद के […] Read more » Globalization भूमंडलीकरण साम्राज्यवाद
साहित्य भूमंडलीकरण और राजभाषा हिंदी September 15, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on भूमंडलीकरण और राजभाषा हिंदी भारत का उदात्त एवं प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ संपूर्ण विश्व को एक परिवार एक इकाई के रूप में देखने, समझने व जीने की प्रेरणा देता है। सब मिलकर रहें, और इस विश्व समाज को सह अस्तित्व के साथ शांतिमय रूप में जीएँ स्पष्टत: ही यह कल्याणकारी दर्शन समूची मानव जाति को सहज व स्वाभाविक रूप […] Read more » Globalization भूमंडलीकरण