कविता साहित्य एक हो जावें – पर्व होली का मनावें March 14, 2016 / March 14, 2016 by विमलेश बंसल 'आर्या' | Leave a Comment एक हो जावें, पर्व होली का मनावें, कुहुक रही हैं कोयल डालियाँ। फ़ाग गवावें, कृपा ईश्वर की पावें, झूम रही हैं जौ की बालियाँ।। एक हो जावें….. मासों में अंतिम मास फाल्गुन विदाई का। देने संदेशा आया, प्रेम और भलाई का। जगें जगावें, भेद हर दिल के मिटावें, पावन बनावें हृदय प्यालियाँ।। एक हो जावें […] Read more » Holi festival Poem on Holi होली होली पर्व
पर्व - त्यौहार बहकें बहकी होली में … March 7, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment संजय बिन्नाणी रस, रंग, स्वाद, गंध और स्पर्श, पाँचों ही तत्वों की प्रमुखता हमारे जीवन में है। शरीर, स्वास्थ्य और आहार का आधार यही हैं। होली हमारी संस्कृति का ऐसा एकमात्र त्योहार है, जिसमें इन पाँचों तत्वों का ऐसा समावेश है कि किसी एक को भी बाद दिया तो होली का रंग फीका पड़ सकता […] Read more » Holi Holi festival बहकें बहकी होली में होली