गजल आदमी अगर दुःखी है तो स्वविचार व मन से April 28, 2022 / April 28, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभारत में जातिवाद का जहर भरा है,अपनी जाति का दुष्ट व अत्याचारी भी प्यारा है,मगर ये भी सोलहों आने है सहीस्वजाति विरादरी से ज्यादा बुरा पराया होता नहीं! पराया अपरिचित हो या सुपरिचित होपराया आपसे निरपेक्ष या आपका सापेक्ष होता है,पराए में परायापन है, तो विरोध भी कम है,पराए को अपना बनालो तो […] Read more » If a man is sad then by self thought and mind