राजनीति एकात्म मानववाद और भारतीय राष्ट्रवाद March 23, 2020 / March 23, 2020 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भारत के बारे में पश्चिम के विद्वानों ने यह भ्रांति फैलाने का निरर्थक प्रयास किया है कि भारत में राष्ट्रवाद की भावना कभी नहीं रही और भारत में राष्ट्रवाद का प्रचार – प्रसार ब्रिटिश काल में हुआ । उससे पहले इस देश में राष्ट्रीयता की भावना थी ही नहीं। जिन विदेशी विद्वानों , लेखकों या […] Read more » indian nationalism Integral Humanism Integral Humanism and Indian Nationalism पुराणों में राष्ट्रवाद भारत में वर्ण व्यवस्था भारत में सांप्रदायिक वैमनस्य नहीं रहा
राजनीति एकात्म मानववाद और भारतीय राष्ट्रवाद January 13, 2020 / January 13, 2020 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on एकात्म मानववाद और भारतीय राष्ट्रवाद भारत के बारे में पश्चिम के विद्वानों ने यह भ्रांति फैलाने का निरर्थक प्रयास किया है कि भारत में राष्ट्रवाद की भावना कभी नहीं रहीऔर भारत में राष्ट्रवाद का प्रचार – प्रसार ब्रिटिश काल में हुआ । उससे पहले इस देश में राष्ट्रीयता की भावना थी ही नहीं। जिन विदेशी विद्वानों , लेखकों या इतिहासकारों […] Read more » indian nationalism Integral Humanism एकात्म मानववाद एकात्म मानववाद और भारतीय राष्ट्रवाद भारतीय राष्ट्रवाद
लेख समाज भारतीय सामाजिकता का नया समय December 5, 2019 / December 5, 2019 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -प्रो. संजय द्विवेदी हमारे सामाजिक विमर्श में इन दिनों भारतीयता और उसकी पहचान को लेकर बहुत बातचीत हो रही है। वर्तमान समय ‘भारतीय अस्मिता’ के जागरण का समय है। जबकि यह ‘भारतीयता के पुर्नजागरण’ का भी समय है। ‘हिंदु’ कहते ही उसे दूसरे पंथों के समकक्ष रख दिए जाने के खतरे के नाते, मैं ‘हिंदु’ के स्थान पर ‘भारतीय’ शब्दपद का उपयोग कर रहा हूं। इसका […] Read more » indian nationalism New time of indian sociality भारतीय सामाजिकता भारतीयता वर्णव्यवस्था और जाति सांस्कृतिक अवधारणा से बना राष्ट्र स्वातंत्र्य वीर सावरकर