राजनीति समलैंगिकता प्रकृति के नियमों के विरूद्घ August 10, 2012 / August 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on समलैंगिकता प्रकृति के नियमों के विरूद्घ राकेश कुमार आर्य प्राचीनता और नवीनता दो विरोधी धारायें नहीं हैं। समाज की उन्नति के लिए इन दोनों को समन्वय बड़ा आवश्यक है। विज्ञान के नवीन आविष्कारों का और अनुसंधानों का लाभ लेने के लिए हमें सदा नवीनता का समर्थक रहना चाहिए। इसी से सभ्यता का विकास होता है। इसीलिए कालिदास जैसे महाकवि ने अपनी […] Read more » gay lesbiens समलैंगिकता