कविता बहुत याद आती है माँ…… May 23, 2011 / December 12, 2011 by तरुण राज गोस्वामी | Leave a Comment पथरीलेँ रास्तोँ पर जीवन के, घाव जलते हैँ जब तन मन के, बहुत याद आती है माँ।। याद आती है मेरे लिये आँखोँ मेँ कटती उसकी रातेँ, याद आती है हर कदम पर मुझे समझाती उसकी बातेँ, मेरी गलतियोँ पर मुझको डाँटती फिर दुलारती, मेरी बिखरी फैली चीजोँ को ध्यान से संभालती, अपने हाथोँ […] Read more » Maa
कविता आज मां ने फिर याद किया January 21, 2011 / December 16, 2011 by अंकुर विजयवर्गीय | 3 Comments on आज मां ने फिर याद किया भूली बिसरी चितराई सी कुछ यादें बाकी हैं अब भी जाने कब मां को देखा था जाने उसे कब महसूस किया पर , हां आज मां ने फिर याद किया ।।। बचपन में वो मां जैसी लगती थी मैं कहता था पर वो न समझती थी वो कहती की तू बच्चा है जीवन को नहीं […] Read more » Maa मां
कविता कविता: माँ May 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 8 Comments on कविता: माँ -ललित गिरी प्यारी जीवन दायिनी माँ!, जब मैनें इस जीवन में किया प्रवेश पाया तेरे ऑंचल का प्यारा-सा परिवेश मेरे मृदुल कंठ से निकला पहला स्वर माँ! पूस की कॅंपी-कॅपी रात में, तूने मुझे बचाया। भीगे कम्बल में स्वयं सोकर, सूखे में मुझे सुलाया॥ तब भी नहीं निकली तेरी कंठ से, एक भी आह। क्योंकि […] Read more » Maa माँ
कविता कविता : मेरी माँ … February 9, 2010 / December 25, 2011 by शिवानंद द्विवेदी | 6 Comments on कविता : मेरी माँ … आज फिर अल्लसुबह उसी तुलसी के विरवा के पास केले के झुरमुटों के नीचे पीताम्बर ओढ़े वो औरत नित्य की भांति दियना जला रही थी ! मै मिचकती आँखों से उसे देखने में रत था , वो साधना वो योग वो ध्यान वो तपस्या, उस देवी के दृढ संकल्प के आगे नतमस्तक थे ! वो […] Read more » Maa मां