कविता मर्द August 16, 2019 / August 17, 2019 by डा.सतीश कुमार | Leave a Comment मर्द हो मर्द बनो । कुछ खा लो , कुछ पी लो , दो चार कश भी लगा लो, अरे क्या बिगड़ता है, थोड़े में , यार ! चख कर तो देखो। अरे !तुम तो अभी बच्चे हो? मां बाप की आज्ञाएं, ही ढोते रहते हो । तुम्हारा जीवन अपना है। अपने निर्णय खुद लो […] Read more » be a man Man
विविधा अब पुरुष विमर्श पर हो विचार – सुजाता मिश्र April 13, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पिछले काफी समय से भारत में नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में महिला जाग्रति को लेकर क्रान्तिकारी कदम उठाये गये हैं जिनके कई मामलो में बहुत अच्छे परिणाम भी देखने को मिले हैं, और देखा जाये तो आज महिलाये पुरुषों से बराबर नहीं बल्कि कहीं आगे ही है, हालाँकि इसमें समाज की हर महिला को शामिल नहीं […] Read more » Man पुरुष विमर्श सुजाता मिश्र