टॉप स्टोरी मैं सच कहूं अगर तो तरफदार मत कहो – पंकज झा January 19, 2010 / December 25, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on मैं सच कहूं अगर तो तरफदार मत कहो – पंकज झा जुलाई 2004 की उनींदी सुबह। पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त एक युवक प्रदेश के एक राजनीतिक मीडिया में काम करने का नियुक्ति पत्र लिये रायपुर स्टेशन पर उतरा। साथ में एक झोला लिए, एक ऐसा झोला जिसमें निम्न मध्य वर्गीय परिवार के सपने बंद थे और थे दो जोड़ी कपड़े तथा अपने लिखे और प्रकाशित कुछ आलेख। अपने […] Read more » Pankaj Jha तरफदार मत कहो पंकज झा मैं सच कहूं
राजनीति जो घर देखा आपना मुझसे बुरा न कोई – पंकज झा January 15, 2010 / December 25, 2011 by पंकज झा | 4 Comments on जो घर देखा आपना मुझसे बुरा न कोई – पंकज झा आस्ट्रेलिया में भारतवंशी छात्रों एवं अन्य कामगारों पर हुए हमले रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. समूचे देश में इस रंगभेदी हिंसा के विरोध में हाय-तौबा मची है। भारतीयों की ऐसी प्रतिक्रिया स्वाभाविक और उचित भी है। भारत सरकार ने अपना औपचारिक विरोध दर्ज कर छुट्टी पा ली है लेकिन आस्ट्रेलिया सरकार का […] Read more » Pankaj Jha पंकज झा
राजनीति चोर की मां को मारिये पहले – पंकज झा November 8, 2009 / December 25, 2011 by पंकज झा | 13 Comments on चोर की मां को मारिये पहले – पंकज झा झारखंड प्रकरण पर .. आपने चोर और उसकी मां की कहानी सुनी होगी. ये उस ज़माने की बात है जब चोरी-डकैती के लिए मृत्युदंड का प्रावधान था. एक चोर को उसके अपराध के लिए मौत की सज़ा मिली. उसने मौत से पहले अपनी मां से मिलने की इच्छा व्यक्त की . जब मां आयी तो उसके […] Read more » Pankaj Jha चोर
टॉप स्टोरी तस्वीर बनाता हूँ, तस्वीर नहीं बनती – पंकज झा November 6, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on तस्वीर बनाता हूँ, तस्वीर नहीं बनती – पंकज झा छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर विशेष आलेख हर राज्योत्सव पर एक आम प्रवासी की तरह छत्तीसगढ़ के बारे में सोचने एक मिला-जुला अहसाह ही होता है. निस्संदेह किसी राज्य या राष्ट्र की प्रासंगिकता के बारे में सोचते हुए आप खोने और पाने का ही हिसाब लगायेंगे. छत्तीसगढ़ के निर्माता अटल जी के शब्दों में कहूं तो […] Read more » Pankaj Jha पंकज झा