कविता हिन्दू ऐसे होते जो शत्रु को पूर्वजन्म के स्वजन समझते January 3, 2021 / January 3, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहिन्दू ऐसे होतेजो सबको शुभकामना देते! हिन्दू मन का ताना-बाना,हिन्दू का संपूर्ण आशियाना,हिन्दुत्व से ही बना! हिन्दू वेद पढ़ें ना पढ़ें,हिन्दू वेदांत में जीते!हिन्दू वेदांत में सोचते!हिन्दू वेदांत में सांस लेते!हिन्दू वेदांत में ही मरते!हिन्दू मरके भी नहीं मरते! हिन्दू ऐसे होते जोसबको अमर आत्मा समझते! हिन्दू ऐसे होतेजो हिंसा को दूषित कहते! […] Read more » poem on hindu हिन्दू