हिन्दू ऐसे होते जो शत्रु को पूर्वजन्म के स्वजन समझते

—विनय कुमार विनायक
हिन्दू ऐसे होते
जो सबको शुभकामना देते!

हिन्दू मन का ताना-बाना,
हिन्दू का संपूर्ण आशियाना,
हिन्दुत्व से ही बना!

हिन्दू वेद पढ़ें ना पढ़ें,
हिन्दू वेदांत में जीते!
हिन्दू वेदांत में सोचते!
हिन्दू वेदांत में सांस लेते!
हिन्दू वेदांत में ही मरते!
हिन्दू मरके भी नहीं मरते!

हिन्दू ऐसे होते जो
सबको अमर आत्मा समझते!

हिन्दू ऐसे होते
जो हिंसा को दूषित कहते!

हिन्दू शांति से जीते!
सबका सुख-शांति चाहते!
हिन्दू कायर नहीं होते!
ना कमजोर से कभी लड़ते!
ना कभी दीन-मलीन को
हक वंचित होते देखना चाहते!

हिन्दू स्वअस्तित्व हेतु
स्वत:स्वभाविक प्रयत्न करते!

हिन्दू ऐसे होते
जो सबको अपना समझते!

हिन्दू ऐसे होते
जो आत्मा की अमरता में
सदा आस्था रखते!

हिन्दू जीवन के बाद
मृत्यु को निर्बाध अदृश्य
अवस्था समझते!

गीता नहीं सिर्फ संदेश
भ्रमित मन समाधान का
गीता जीवन के बाद
जीवन का दर्शन है!

हिन्दू ऐसे होते
जो शत्रु को पूर्वजन्म के
स्वजन समझते!

हिन्दू मान्यता में शत्रु
पूर्वजन्म के दाय प्राप्ति हेतु
इस जन्म में अदावत करते!

हिन्दू पूर्वजन्म के कर्मफल के
हक को इस जन्म में अदा करते!

हिन्दू मान्यता में
हर जीव पूर्वजन्म के कर्मभोग से
इस जन्म में कुछ लेन-देन को जुड़ते!

हिन्दू जीवों को पीड़ित नहीं करते!
हिन्दू चूहे-बिल्ली को अन्नजल,
मेहमान परिंदे को दानापानी
निरीह पालतू जीव जंतुओं को
सुरक्षित गृहवास,खरगोश को पोषण,
बंदर-कुत्ते-तोते को भोजन देने में
पूर्वजन्म का दाय समझते!

हिन्दू ऐसे होते
जो पराई आस्था में
कभी खलल नहीं डालते!

मानवता की राह में
हिन्दू दखल नहीं डालते!

सर्वधर्म समभाव हिन्दू स्वभाव
हिन्दू दुर्भाव कभी नहीं पालते!
आत्मवत् सर्वभूतेषु सर्वभूतानां
हिन्दू सबको समझते!

हिन्दू ऐसे होते
जो वसुधैव कुटुंबकम् कहके
सब जीव-जंतुओं को
स्वजन सा मान सम्मान देते!

हिन्दू ऐसे होते
जो सनातन प्रकृति पूजन से
वैदिक आर्य जैन बौद्ध सिख
हिन्दू मूर्ति पूजक बनते गए
हिन्दू सबकी अच्छाई ग्रहण करते
अपनी बुराई का शमन करते!
हिन्दू आत्मानाम विजानीहि संस्कृति,
हिन्दू और हिन्दुत्व कभी नही मिटते!

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