राजनीति प्रणव दा के नाम पर सर्वसम्मति क्यूँ जरूरी? June 13, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment राष्ट्रपति प्रणव दा की एक और अनूठी सफलता रही कि वे राजनीति दृष्टि से भले ही निष्क्रिय रहे लेकिन राष्ट्रीय हितों के लिये सदैव सक्रिय बने रहे। उनकी सक्रियता से कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका के कार्यक्षेत्र में कभी भी अतिक्रमण नहीं हुआ। लेकिन वे भारत की समस्याओं के लिये सदैव जागरूक बने रहे, लोकतंत्र को मजबूती देने के लिये उनके प्रयास जारी रहे। साहित्य, शिक्षा एवं चिन्तन के लिये वे एक-एक पल का उपयोग करते हुए दिखाई दिये। जैसे कि एस. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने के बाद भी अकादमिक रूप से काफी सक्रिय थे। एपीजे कलाम राष्ट्रपति के रूप में काफी विजिबल और एक्टिव रहे। Read more » Featured Pranab Mukherjee for repeating again as President President presidential post प्रणव दा