कविता चुनाव राजनीति आ गया फिर चुनाव April 7, 2014 / April 7, 2014 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment -मिलन सिन्हा- लो, आ गया फिर चुनाव ! न जाने इस बार किस -किस की डूबेगी नाव इसी सोच में पड़े नेतागण घूमेंगे अब गांव-गांव पहले जहां यदा-कदा ही पड़ते थे उनके पांव लो, आ गया फिर चुनाव ! आज जब कि बाजार में कई चीजों का बना है अभाव और जो मिल […] Read more » satire on election आ गया फिर चुनाव
व्यंग्य व्यंग्य /गंगा में चुनावी दंगा April 6, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हाथ और हाथी चुनाव के वक्त सौभाग्य से एक साथ कहीं और डुबकी लगती न देख गंगा में डुबकी लगाने पधारे। गंगा ने बहुत रोका, पर नहीं माने तो नहीं माने। दोनों के जनता से झूठे वादे करके बुरे हाल। वोटरों को पटाते पटाते खुद पटे ठगे हुए से। Read more » satire on election चुनावी व्यंग्य