धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश ग्रंथ अविद्या दूर करने के लिये लिखा गया ग्रंथ है December 27, 2020 / December 27, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द सरस्वती जी का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ देश देशान्तर में प्रसिद्ध ग्रन्थ है। ऋषि दयानन्द ने इस ग्रन्थ को क्यों लिखा? इसका उत्तर उन्होंने स्वयं इस ग्रन्थ की भूमिका में दिया है। उन्होंने लिखा है कि ‘मेरा इस ग्रन्थ के बनाने का मुख्य प्रयोजन सत्य–सत्य अर्थ का प्रकाश करना है, अर्थात् […] Read more » satyarth prakash Satyarth Prakash Granth is a book written to remove ignorance सत्यार्थप्रकाश ग्रंथ
धर्म-अध्यात्म सत्यासत्य तथा धर्माधर्म से परिचित कराने वाला एकमात्र ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश है February 16, 2020 / February 16, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन का उद्देश्य सत्य व असत्य को जानना तथा सत्य का आचरण एवं असत्य का त्याग करना है। संसार के मनुष्यों पर दृष्टि डालते हैं तो वह शिक्षित व अशिक्षित तो दृष्टिगोचर होते हैं परन्तु उन सबको देखकर यह नहीं कह सकते कि वह सब सत्य व असत्य से […] Read more » satyarth prakash swami dayanand सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश अविद्या दूर कर मनुष्य को सच्चा विद्वान बनता है April 29, 2019 / April 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सत्यार्थप्रकाश आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का लिखा हुआ ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ पहली बार सन् 1874 में लिखा गया था। इसका संशोधित संस्करण सन् 1883 में तैयार हुआ था जो ऋषि दयानन्द की 30-10-1883 को मृत्यु के बाद सन् 1884 में प्रकाशित हुआ था। सत्यार्थप्रकाश इस लिये लिखा […] Read more » satyarth prakash सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश वैदिक साहित्य का प्रमुख ग्रन्थ होने सहित वर्तमान आधुनिक युग का सर्वाधिक तर्कसंगत धर्म ग्रन्थ है March 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का कर्तव्य सत्य का धारण करना और असत्य का त्याग करना है। सत्यासत्य का निर्णय करने के लिए एक ऐसे ग्रन्थ की आवश्यकता होती है जिसमें मनुष्य जीवन के सभी पक्षों व सभी कर्तव्यों एवं कर्मों का उल्लेख व अकरणीय कार्यों का निषेध दिया गया हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के […] Read more » satyarth prakash सत्यार्थप्रकाश