कहानी लघु कथा/कलरव November 26, 2010 / December 19, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on लघु कथा/कलरव ”शिवप्रसाद, तुमको इस मकान से अच्छा मकान मिल सकता था, जहां शांति रहती, परंतु तुमने छोटे-छोटे बच्चों के विद्यालय के समीप ही मकान क्यों लिया? दिन-भर बच्चों का षोरगुल सुनाई देगा।” मोहनलाल ने अपने मित्र से प्रश्न किया। ”ऐसा है मोहन, मेरे पांच बेटे हैं और सभी का विवाह हो चुका है। पांचों बेटों के […] Read more » Short story लघुकथा