कविता
कभीतुम भारतीय आर्य वैदिक सनातनी थे
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायककभीतुमभारतीय आर्य;वैदिकसनातनी थे,आजतुम जानेक्या से क्या हो गए! कभी तुमगांधार केहिन्दूप्रजा,राजा-रानी थे,आज तुमआतंकवादीअफगानी हो गए! कभी तुमतक्षशिला में पढ़े लिखेमहाज्ञानी थे,आज तुमकूड़मगजीतालिबानी हो गए! कभी तुमराम-कृष्णके वंशजस्वाभिमानीथे,आज विदेशी धार्मिक गुलामी में खो गए! कभीतुमभगवानबुद्ध,जिनके अनुगामी थे,आज क्योंतुमकरुणा हीन प्राणी हो गए? कभीबुद्ध मूर्तिउपासक बौद्धमहायानी थे,आज पूर्वजों के मूर्तिभंजकअज्ञानीहो गए! तुम ईसा पूर्व के […]
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