कहानी साहित्य कहानी/बाबूजी February 27, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment एस. के. रैना हमारे पड़ोस में रहने वाले बाबूजी की उम्र यही कोई अस्सी के लगभग होनी चाहिए। इस उम्र में भी स्वास्थ्य उनका ठीक-ठाक है। ज़िन्दगी के आखिरी पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते व्यक्ति आशाओं-निराशाओं एवं सुख-दु:ख के जितने भी आयामों से होकर गुज़रता है,उन सब का प्रमाण उनके चेहरे को देखने से मिल जाता […] Read more » Story कहानी
कहानी कहानी : प्रैक्टिकल January 12, 2011 / December 16, 2011 by चैतन्य प्रकाश | 1 Comment on कहानी : प्रैक्टिकल -चैतन्य प्रकाश “यह सब झूठ है, बेबुनियाद है, मेरे राजनैतिक विरोधियों की चालबाजी है।” फोन पर उत्तर देते हुए श्याम सुंदर ने कहा। उसके चेहरे पर प्रतिक्रिया थी, जिसमें घबराहट और भय भी छुपे हुए थे। टेबिल पर आज सुबह के अखबार थे। सारे अखबारों में एक घोटाले की खबर प्रमुख थी, इस घोटाले में […] Read more » Story कहानी
कहानी कहानी/वह मुझे अच्छी लगने लगी January 3, 2011 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 11 Comments on कहानी/वह मुझे अच्छी लगने लगी प्रिय सुरेश, ये क्षेत्र छत्तीसगढ़ कहलाता है। छत्तीसगढ़ का मतलब बहुत से लोग कहते हैं कि इधर 36 वर्ष रहने के बाद ही आदमी इधर के लोगों को जानता है, कुछ लोग कहते हैं यहां के लोग जब तक छत्तीस गाँव न बदलें उन्हें चैन नहीं मिलता। लेकिन मैंने अनुभव किया कि छत्तीसगढ़ का मतलब […] Read more » Story
कहानी कहानी/ पशु-सम्मेलन December 24, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment साधक उम्मेदसिंह बैद एक गाँव के पास के जंगल की कहानी है। जंगल बहुत घना तो नहीं, बस ठीक-ठाक सा है। ॠतु-चक्र क्या गङबङाया, जानवरों की समस्यायें बङी होने लगीं। अब सारे जानवर समस्याओं का सही कारण क्या जानते, परस्पर ही एक-दूसरे पर दोषारोपण करने लगे, लङने-झगङने भी लगे। तनाव रहने लगा। सियार और कुत्ता […] Read more » Story कहानी
व्यंग्य छोटे नोटों की व्यथा-कथा August 18, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 2 Comments on छोटे नोटों की व्यथा-कथा -विजय कुमार परसों मैं किसी काम से बैंक गया था। वापसी पर कोषागार के पास से निकला, तो लगा मानो वहां कुछ लोग बैठे बात कर रहे हैं। वे बार-बार अर्थनीति, विकास, घाटा, घोटाला जैसे शब्द प्रयोग कर रहे थे। पहली नजर में ऐसा लगा मानो कई बड़े अर्थशास्त्री और राजनेता बजट भाषण पर चिन्तन […] Read more » Story