शख्सियत साहित्य तस्लीमा नसरीन को १६ वीं सदी छोड़कर २१ वीं में आ जाना चाहिए ! October 23, 2015 by श्रीराम तिवारी | 3 Comments on तस्लीमा नसरीन को १६ वीं सदी छोड़कर २१ वीं में आ जाना चाहिए ! यद्द्पि तस्लीमा नसरीन अपने मादरे -वतन ‘बांग्ला देश ‘ में वहाँ के अल्पसंख्यक हिन्दुओं -ईसाइयों के सामूहिक कत्लेआम की गवाह रहीं हैं।उन्होंने नस्लीय और मजहबी उन्मादियों के हिंसक हमलों को भी अनेक बार भुगता है।ऐंसा लगता है की उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में हिन्दुओं की दुर्दशा को बहुत नजदीकी से देखा है। इसीलिये नियति ने उन्हें […] Read more » Featured Tasleema Nasrin तस्लीमा नसरीन