कविता फिर कोई बुद्ध जिन ना हुए वस्त्र त्यागकर July 13, 2022 / July 13, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकईश्वर ने एक जैसा बनाया नहीं मानव को,सबके सब अलग हैं अद्वितीय हैं बेजोड़ हैं,एक सा रंगरूप मन बुद्धि ना मिले सबको,फिर क्यों तुम एक जैसे बनाने पर तुले हो? लाख चाहने पर फिर से कोई राम ना बना,कोई कृष्ण ना हुआ कोई बुद्ध ना हो पाया,कोई दूसरा महावीर ईसा पैगम्बर नहीं आया,पिता […] Read more » Then a Buddha who renounced his clothes फिर कोई बुद्ध जिन ना हुए वस्त्र त्यागकर