जन-जागरण अपनी हीं जमीं पर ज़ंग July 21, 2011 / December 8, 2011 by कुशल सचेती | Leave a Comment कुशल सचेती ” नाकाम खुफिया तंत्र, पिलपिला नेतृत्व, कमजोर राष्ट्र, लचर सुरक्षा व्यवस्था, आतंकवादियों के लिए साफ्ट टारगेट, सपनों की नगरी मुम्बई दहशत के साये में | ” देश की आर्थिक राजधानी को आंतकवादेयों ने जिस तरह निशाना बनाया और जिस तरह भारतीय सेना, नॉसेना और एनएसजी के कमांडो ने अपना आपरेशन किया, उससे स्पस्ट […] Read more » War अपनी जमीं ज़ंग
विश्ववार्ता इमेज युद्ध था नाइन इलेवन September 11, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on इमेज युद्ध था नाइन इलेवन -जगदीश्वर चतुर्वेदी नाइन इलेवन इमेज त्रासदी है। सुनियोजित हत्याकाण्ड है। इस त्रासदी में मारे गए लोगों का कोई कसूर नहीं था। वे निर्दोष थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौत का बदला मौत से लेंगे के नारे के तहत सारी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ जंग का एलान कर दिया गया और इस जंग का पहला […] Read more » War युद्ध
विविधा संघर्ष, मुठभेड़ और युद्ध August 11, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 2 Comments on संघर्ष, मुठभेड़ और युद्ध -विजय कुमार सामान्य रूप से ये तीनों शब्द लगभग एक से लगते हैं; पर इनमें बड़ा अंतर है। ये अलग-अलग संदर्भ में प्रयोग होते हैं और इसीलिए इनके नियम भी अलग-अलग ही हैं। खेल के मैदान में दो खिलाड़ी या दल जीतने के लिए भिड़ते हैं। खेल में कई बार, और अंतिम समय में तो […] Read more » War मुठभेड़ युद्ध संघर्ष
विश्ववार्ता युद्ध का दर्शन विकसित करना चाहिए December 13, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on युद्ध का दर्शन विकसित करना चाहिए दुर्भाग्य से हम अपने एक पड़ोसी देश, जो कल तक इस देश का ही एक अंग था, के साथ ऐसी स्थिति में जीने के लिए मजबूर हो गये हैं, जिसमें स्त्रायुतोड़क तनाव में जीना इस देश की नियति बन गया है। यह तनाव केवल भारत का ही नहीं है, पाकिस्तान भी इसमें पूरी तरह डूबा […] Read more » War युद्ध
समाज उठो और श्रेष्ठता के लिए युद्ध करो September 9, 2009 / December 26, 2011 by रामस्वरूप रावतसरे | 4 Comments on उठो और श्रेष्ठता के लिए युद्ध करो महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था, दोनों तरफ सेनायें खड़ी थी। श्री कृष्ण भगवान ने अर्जुन के रथ को रणभूमि के मध्य में खड़ा किया और अर्जुन से युद्ध के लिए पांचजन्य का उद्घोष करने के लिए कहा। अर्जुन ने दूर तक नजर पसार कर देखा, दोनों तरफ उसके परिजन एवं प्रजाजन ही खड़े […] Read more » War युद्ध