कविता जब अपने सृष्टा कवियों से दुखी हो कविताओं ने की सामूहिक आत्महत्या September 23, 2020 / September 23, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव विश्व के तमाम देश के कवि अपना दिमाग लगाकर जितनी कविताए एक साल में लिखते है, उतनी कविताए भारत देश के तथाकथित कविगण एक सप्ताह में लिख लेते है। या कहिए भारत एकमात्र देश है जिसके हर शहर, मोहल्ले, गली ओर हर गाँव में एक से एक धुरंधर कवि मिल जाएँगे। या […] Read more » When poets are saddened by their creation poems commit mass suicide कविताओं ने की सामूहिक आत्महत्या