कविता गजल-श्यामल सुमन- आदत April 12, 2012 / April 14, 2012 by श्यामल सुमन | Leave a Comment श्यामल सुमन मेरी यही इबादत है सच कहने की आदत है मुश्किल होता सच सहना तो कहते इसे बगावत है बिना बुलाये घर आ जाते कितनी बड़ी इनायत है कभी जरूरत पर ना आते इसकी मुझे शिकायत है मीठी बातों में भरमाना इनकी यही शराफत है दर्पण दिखलाया तो कहते […] Read more » poem Poems आदत कविता कविता