कविता इसके भी जिम्मेवार तुम्हीं हो February 3, 2021 / February 3, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकनैतिकता को ताख पर रखकर बोलते रहो झूठपार्टीबद्ध होकर करते रहो लूटघोंपते रहो सच्चाई की पीठ में छुरीजब सौ में निन्यानबे हो गए झूठ के पोषकफिर एक की आवाज कौन सुनेगा? ऐसे में नक्कार खाने मेंतूती की आवाज कौन सुनता?जिसकी लाठी उसकी भैंस, यही तो रोना हैऐसे में लट्ठधर तुम्हें होना हीं होना […] Read more » इसके भी जिम्मेवार तुम्हीं हो