कविता कोयल तुम बोलती हो अपनी बोली February 25, 2021 / February 25, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककोयल तुम बोलती हो अपनी बोली,इसलिए तू आजाद हो नीलगगन में! कोयल तुम्हारी कूक अपने दिल की,इसलिए तुम बसी हो सबके मन में! कोयल तुम नहीं कूकती पराई वाणी,इसलिए तू कैद नहीं किसी बंधन में! कोयल तुम्हारी भाषा नहीं नकल की,इसलिए तू रहती हो अपने चमन में! कोयल तू तोते सा नहीं हो […] Read more » Cuckoo you speak your dialect कोयल तुम बोलती हो अपनी बोली