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शख्सियत समाज

गणि राजेन्द्र विजय: दांडी पकडे़ आदिवासियों के ‘गांधी’

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गणि राजेन्द्र विजयजी बच्चों को कच्चे घड़े के समान मानते हैं। उनका कहना है उन्हें आप जैसे आकार में ढालेंगे वे उसी आकार में ढल जाएंगे। मां के उच्च संस्कार बच्चों के संस्कार निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि सबसे पहले परिवार संस्कारवान बने माता-पिता संस्कारवान बने, तभी बच्चे संस्कारवान चरित्रवान बनकर घर की, परिवार की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकेंगे। अगर बच्चे सत्पथ से भटक जाएंगे तो उनका जीवन अंधकार के उस गहन गर्त में चला जाएगा जहां से पुनः निकलना बहुत मुश्किल हो जाएगा। बच्चों को संस्कारी बनाने की दृष्टि से गणि राजेन्द्र विजय विशेष प्रयास कर रहे हैं।

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