लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-85 April 9, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का सोलहवां अध्याय काम, क्रोध और लोभ इन तीनों को गीता नरक के द्वार रहती है। आज के संसार को गीता से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि वह जिन तीन विकारों (काम, क्रोध और लोभ) में जल रहा है-इनसे शीघ्र मुक्ति पाएगा। आज के संससार में गीता से दूरी […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग गीता का सोलहवां अध्याय
लेख गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-84 April 7, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का सोलहवां अध्याय श्रीकृष्णजी की यह सोच वर्तमान विश्व के लिए हजारों वर्ष पूर्व की गयी उनकी भविष्यवाणी कही जा सकती है जो कि आज अक्षरश: चरितार्थ हो रही है। स्वार्थपूर्ण मनोवृत्ति के लोगों ने जगत के शत्रु बनकर इसके सारे सम्बन्धों को ही विनाशकारी और विषयुक्त बना दिया […] Read more » Featured geeta karmayoga of geeta आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग गीता का सोलहवां अध्याय
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-83 April 7, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का सोलहवां अध्याय माना कि अर्जुन तू और तेरे अन्य चार भाई दुर्योधन और उसके भाइयों के रक्त के प्यासे नहीं हो, पर तुम्हारा यह कत्र्तव्य है कि संसार में ‘दैवीय सम्पद’ लोगों की सुरक्षा की जाए और ‘आसुरी सम्पद’ लोगों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उनके […] Read more » Featured geeta karmayoga of geeta आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग गीता का सोलहवां अध्याय