दोहे जब तार उनसे मिल गए! March 11, 2023 / March 14, 2023 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment जब तार उनसे मिल गए, झँकृत जगत जन होगए; संस्कार सारे ढह गए, सब तान आकर गा गए! चस्पा किए वे ध्यान में, कर्षण किए सुर ताल में; थे द्वैत मन के हट गए, हो तटस्थित तब रह गए! ना भय रहा ना भ्रांतियाँ, होने लगीं नित क्रांतियाँ; अपना पना प्रकटा भुवन, फिर ना रहीं […] Read more » जब तार उनसे मिल गए