धर्म-अध्यात्म ईश्वर-जीवात्मा-प्रकृति विषयक अविद्या विश्व में अशान्ति का कारण July 31, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में लोग उचित व अनुचित कार्य करते हैं। अनुचित काम करने वालों को सामाजिक नियमों के अनुसार दण्ड दिया जाता है। न केवल सामान्य मनुष्य अपितु शिक्षित व उच्च पदस्थ राजकीय व अन्य मनुष्य भी अनेक बुरे कामों को करते हैं जिनसे देश व समाज कमजोर होता है और इसके परिणाम […] Read more » अविद्या ईश्वर जीवात्मा प्रकृति विश्व में अशान्ति का कारण
धर्म-अध्यात्म सूक्ष्म ईश्वर और जीवात्मा स्थूल आंखों से दिखाई क्यों नहीं देते?’ July 12, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम इस संसार के सभी स्थूल पदार्थों को अपनी आंखों से देखते हैं और उनकी रचना और उससे होने वाले लाभ व हानियों को विचार कर जानते हैं। आंखों से जो पदार्थ हम देखते हैं वह सृष्टि में स्थूल हुआ करते हैं। अनेक सूक्ष्म पदार्थों को आंखें देख नहीं पाती। जल को […] Read more » why dont we see god with naked eyes ईश्वर जीवात्मा सूक्ष्म स्थूल आंखों से दिखाई
धर्म-अध्यात्म ‘अनादि अविनाशी जीवात्मा कर्मानुसार जन्म-मरण-जन्म के चक्र अर्थात् पुनर्जन्म में आबद्ध’ February 20, 2016 / February 20, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार में जन्म लेता है, अधिकतर 100 वर्ष जीवित रहता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जिस संसार व पृथिवी पर हम रहते हैं उसे हमने व हमारे पूर्वजों ने बनाया नहीं है अपितु उन्हें यह सृष्टि बनी बनाई मिली थी। इस संसार को किसने बनाया, इसका शास्त्र व […] Read more » अनादि अविनाशी जन्म-मरण-जन्म के चक्र जीवात्मा पुनर्जन्म में आबद्ध’
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा और इसका पुर्नजन्म July 25, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on जीवात्मा और इसका पुर्नजन्म हम इस विस्तृत संसार के एक सदस्य है। चेतन प्राणी है। हमारा एक शरीर है जिसमें पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां, मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार आदि अवयव हैं। शरीर से हम सुख व दुख का भोग करते हैं। हम चाहते हैं कि हमें कभी कोई दुख न हो परन्तु यदा-कदा जाने-अनजाने सुख व दुःख […] Read more » जीवात्मा पुर्नजन्म
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के मोक्ष विषयक महर्षि दयानन्द के शास्त्र सम्मत विचार May 28, 2015 / May 28, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- मनुष्य जीवन का उद्देश्य सत्कर्म करके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति है। इस पुरूषार्थ चतुष्टय में मोक्ष का विवरण वेद, दर्शन व उपनिषदों आदि प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। महर्षि दयानन्द जी ने अपने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश में इसका विस्तार से वर्णन किया है जो कि अन्यत्र दुर्लभ […] Read more » fearured जीवात्मा जीवात्मा के मोक्ष विषयक महर्षि दयानन्द के शास्त्र सम्मत विचार महर्षि दयानन्द मोक्ष